विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को समर्पित हुआ नया 'संसद भवन'
मा० प्रधानमंत्री जी ने रविवार को देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया।
नया संसद भवन कई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. त्रिकोण के आकर में बनाई गई नई संसद भवन की दिव्यता-भव्यता ने लोगों का दिल जीत लिया है। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत इस नए संसद भवन का निर्माण कराया गया है।/p>
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में नई संसद की आधारशिला रखी थी। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने नए संसद भवन का निर्माण किया है। इस बिल्डिंग को चर्चित आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने डिजाइन किया है। बिमल पटेल गुजरात के अहमदाबाद शहर से आते हैं। वो इससे पहले भी कई मशहूर इमारतों को डिजाइन कर चुके हैं।/p>
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नए संसद भवन के तीन मेन गेट हैं। ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्मा द्वार. वीआईपी, सांसदों और विजिटर्स की एंट्री अलग-अलग गेट से होगी। नए संसद भवन में लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 300 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है। /p>
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तिकोने आकार में बना नया संसद भवन चार मंजिला है। ये पूरा कैम्पस 64,500 वर्ग मीटर के दायरे में फैला हुआ है। इसकी लागत 862 करोड़ रुपये है। नए भवन में एक संविधान हॉल है, जिसमें भारतीय लोकतंत्र की विरासत को दिखाया गया है।/p>
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बता दें कि सरकार ने अगस्त 2022 को लोकसभा में बताया था कि मास्टर प्लान के तहत पांच परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इनमें नया संसद भवन, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास, कॉमन केंद्रीय सचिवालय के तीन भवन, उप-राष्ट्रपति एन्क्लेव और एक्जिक्यूटिव एन्क्लेव शामिल हैं।/p>
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सेंट्रल विस्टा क्या है ?/p>
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नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक के 3.2 किमी लंबे क्षेत्र को सेंट्रल विस्टा कहते हैं। दिल्ली के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में शामिल इस इलाके की कहानी 1911 से शुरू होती है। उस समय भारत में अंग्रेजों का शासन था। कलकत्ता उनकी राजधानी थी, लेकिन बंगाल में बढ़ते विरोध के बीच दिसंबर 1911 में किंग जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने का ऐलान किया। दिल्ली में अहम इमारतें बनाने का जिम्मा मिला एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को। इन दोनों ने ही सेंट्रल विस्टा को डिजाइन किया। ये प्रोजेक्ट वॉशिंगटन के कैपिटल कॉम्प्लेक्स और पेरिस के शान्स एलिजे से प्रेरित था। ये तीनों प्रोजेक्ट नेशन-बिल्डिंग प्रोग्राम का हिस्सा थे।/p>